IAS अधिकारी बनने के लिए सालों तक नहीं चलाया मोबाइल फोन, जानिए परी बिश्नोई की कहानी

सोशल मीडिया पर मेहनती लोगों के बारे में सुनना और पढ़ना बहुत पसंद किया जाता है। खासतौर पर यूपीएससी परीक्षा क्रैक करने वाले उम्मीदवारों की कहानी किसी इंस्पायरिंग फिल्म जैसी लगती है।

आज हम आपके सामने एक ऐसे ही उम्मीदवार की कहानी लेकर आए हैं जिनकी सफलता से बहुत उम्मीदवार सीख लेते हैं। चलिए जानते हैं आईएएस परी बिश्नोई के बारे में।

राजस्थान से हैं IAS Pari Bishnoi

 

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आईएएस परी बिश्नोई राजस्थान के बीकानेर जिले से हैं। शुरुआत से ही वो अपनी मां से आत्मनिर्भर बनने की सीख लेती रहीं और हमेशा कुछ बड़ा हासिल करने का मकसद रखा। परी के पिता एक वकील और मां पुलिस अधिकारी हैं। इतना ही नहीं उनके दादा जी भी काकरा गांव के सरपंच के पद को संभाल चुके हैं।

टॉप 30 में बना चुकी हैं जगह

 

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आईएएस परी बिश्नोई ने अपनी स्कूली शिक्षा सेंट मैरी कॉन्वेंट स्कूल से ली। उच्चतर पढ़ाई के लिए वो दिल्ली आईं और दिल्ली विश्वविद्यालय के इंद्रप्रस्थ महिला कॉलेज में एडमिशन लिया। पढ़ाई में उनकी शुरू से ही दिलचस्पी रही जिस वजह से उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएशन भी कंपलीट किया।

नेट-जेआरएफ कर चुकी हैं क्लियर

आईएएस परी बिश्नोई यूपीएससी से पहले नेट-जेआरएफ की परीक्षा को भी क्लियर कर ली थी। उनके पास मौका था कि प्रोफेसर की नौकरी कर बच्चों को पढ़ाएं लेकिन उन्होंने और मेहनत की। इसी का परिणाम है कि उन्होंने यूपीएससी परीक्षा में 30 रैंक हासिल की।

कैसे क्लियर किया यूपीएससी एग्जाम

रिपोर्ट के मुताबिक परी बिश्नोई ने यूपीएससी को क्लियर करने के लिए सोशल मीडिया से दूरी बना ली थी। उन्होंने फोन का इस्तेमाल बंद कर दिन-रात की मेहनत के बाद इस मुकाम को हासिल किया है।

लोग करते हैं पसंद

 

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आईएएस परी बिश्नोई को इंस्टाग्राम पर कुल 107 हजार लोग फॉलो करते हैं। वो अक्सर अपने अकाउंट पर फोटो और वीडियोज शेयर करती हैं जिसपर जमकर लाइक और कमेंट्स आते हैं।

 

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