बिहार के कटिहार निवासी शुभम कुमार को क्या आप जानते हैं, अगर नहीं तो आपको बता दें कि शुभम यूपीएससी 2020 के टॉपर हैं।
इस परीक्षा में शुभम कुमार प्रथम स्थान हासिल करने के बाद से इनको देश भर से बधाई मिल रही है।देश की सबसे मुश्किल परीक्षाओं में से एक है यूपीएससी।
लगभग सभी युवा का सपना होता है, इस एग्जाम को क्लीयर करना। लेकिन, इसमें सफलता चंद छात्रों को ही मिल पाती है। यूपीएससी 2020 में बिहार के लाल शुभम कुमार टॉपर बने। उन्हें यह सफलता तीसरी कोशिश में मिली।
शुभम ने एक इंटरव्यू में कहाँ था कि मैंने अपने जीवन में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। कई बार तो ऐसा होता था की मेरी हिम्मत टूट जाती थी। लेकिन माता-पिता और भाई के सहयोग से ही ऐसा हो पाया है।
फिर शुभम ने कहाँ था, मैं सिर्फ 7-8 घंटे पढ़ाई करता था। पिछली बार मेरा चयन इंडियन डिफेंस अकाउंट सर्विस में हुआ था। लेकिन मैं आईएएस बनना चाहता था।
इसलिए मैंने 3 बार एग्जाम दिया। शुभम पहली बार में असफल रहे, दूसरी बार में 290 रैंक आई थी, और तीसरी कोशिश में नंबर एक रैंक आई। शुभम का घर कटिहार के कदवा प्रखंड के कुम्हरी गांव में है।
बिहार के कटिहार निवासी शुभम कुमार को क्या आप जानते हैं, अगर नहीं तो आपको बता दें कि शुभम यूपीएससी 2020 के टॉपर हैं।
इस परीक्षा में शुभम कुमार प्रथम स्थान हासिल करने के बाद से इनको देश भर से बधाई मिल रही है।देश की सबसे मुश्किल परीक्षाओं में से एक है यूपीएससी।
लगभग सभी युवा का सपना होता है, इस एग्जाम को क्लीयर करना। लेकिन, इसमें सफलता चंद छात्रों को ही मिल पाती है। यूपीएससी 2020 में बिहार के लाल शुभम कुमार टॉपर बने। उन्हें यह सफलता तीसरी कोशिश में मिली।
शुभम ने एक इंटरव्यू में कहाँ था कि मैंने अपने जीवन में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। कई बार तो ऐसा होता था की मेरी हिम्मत टूट जाती थी। लेकिन माता-पिता और भाई के सहयोग से ही ऐसा हो पाया है।
फिर शुभम ने कहाँ था, मैं सिर्फ 7-8 घंटे पढ़ाई करता था। पिछली बार मेरा चयन इंडियन डिफेंस अकाउंट सर्विस में हुआ था। लेकिन मैं आईएएस बनना चाहता था।
इसलिए मैंने 3 बार एग्जाम दिया। शुभम पहली बार में असफल रहे, दूसरी बार में 290 रैंक आई थी, और तीसरी कोशिश में नंबर एक रैंक आई। शुभम का घर कटिहार के कदवा प्रखंड के कुम्हरी गांव में है।