दोस्तों प्रेम या प्यार
शब्द ऐसा शब्द है जिसका नाम सुनकर ही अच्छा महसूस होने लगता है प्रेम में वो एहसास है जिसे हम कभी नहीं खोना चाहते। इस शब्द में ऐसी पॉजिटिव एनर्जी है जो हमें मानसिक और आंतरिक ख़ुशी प्रदान होती है। प्रेम कभी कभी कष्ट भी प्रदान करती है प्रेम किसी जाति धर्म को नहीं देखता बस प्रेम हो जाता है चाहे वो प्रेम माता पिता भाई बहन प्रेमी प्रमिका और चाहे जिसके प्रति हो बस प्रेम हो जाता है हम आपको एक ऐसी ही घटना से अवगत कराने वाले है आगे जानने के लिए पोस्ट के अंत तक बने रहिये
दरअसल मिली जानकारी
के मुताबिक यह घटना उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ अतरौलिया क्षेत्र के गांव निवासी खानपुर फतेह गांव की है जहा एक अनोखी प्रेम कहानी का गवाह बन गये जहा एक मुस्लिम युवती ने हिंदू धर्म अपनाकर अपने प्रेमी से शादी कर ली सूरज को दो वर्ष पहले हैदरपुर खास गांव की एक मुस्लिम लड़की से प्रेम हो गया जिसका नाम मोमिन खातून था और उन दोनों का प्यार जब परवान चढ़ा तो वे परिजनों से चोरी छुपकर मिलने-जुलने लगे और एक साथ जीने मरने की कसमे भी खाई लेकिन इस बात की जानकारी जब लड़की के घरवालों को हुई तो धर्म के कारण ऐतराज जताने लगे और जबकि प्रेमी के परिजनों को कोई ऐतराज नहीं था
बचपन से ही मोमिन को नहीं था इस्लाम धर्म कबूल
मीना बनने के बाद से लगाती थी सूरज के नाम सिंदूरमुस्लिम लड़की मोमिन खातून को बचपन से ही इस्लाम धर्म कबूल नहीं था कई बार अपने परिजनों से हिंदू धर्म अपनाने की अपील की थी यही नहीं प्रेमिका के परिजनों ने प्रेमी व उसके परिजनों पर दबाव भी बनाया कि वे इस्लाम धर्म को अपना ले लेकिन प्रेमिका ने मना कर दिया इसी बीच दोनों ने शादी करने की ठानी और धर्म की आड़े आ रही दीवार को तोड़ने का फैसला किया दोनों ने क्षेत्र के सम्मो माता मंदिर में हिंदू रीति रिवाज से शादी की इस दौरान लड़के के घर वाले व क्षेत्र के संभ्रांत लोग मौजूद रहे परिजनों के हिंदू धर्म अपनाने से मना करने के बाद मोमिन ने हिंदू युवक से नजदीकियां बढ़ाई थी और वहीं अपने करीबी दोस्त के साथ मोमिन अयोध्या में राम मंदिर दर्शन करने गई थी जबकि 2 वर्ष पूर्व ही इस्लाम धर्म छोड़ सनातन धर्म में प्रवेश कर लिया मंदिर में ही मोमिन खातून ने नाम बदल कर मीना रखा नामकरण के साथ ही मीना ने अपने मांग में प्रेमी सूरज के नाम का सिंदूर भरा था