अपने दादा के 100वें जन्मदिन पर पोते-पोतियों ने अपनी 90 साल की दादी से फिरसे करायी शादी और धूम धाम से निकाली बारात

आज हम आपसे

एक ऐसी खबर पर चर्चा करेंगे.जहां 100 वर्ष के दादा जी के जन्मदिन पर उनके पोते पोतियो ने उनकी बारात फिर से निकाली 90 साल की दादी से दोबारा उनकी शादी करवाई.आपको बता दें पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के एक सुदूर गांव के रहने वाले विश्वनाथ सरकार हाल ही में 100 वर्ष के हो गए हैं .

उनकी पत्नी

सुरोधवानी सरकार 90 वर्ष की है दंपति के 6 बच्चे 23:00 पोते और दस्त होते हैं इस शुभ अवसर पर उनके पोते पोतियो ने एक अलग ही तरीके से समारोह का आयोजन किया भव्य शादी की योजना बनाई इस जोड़े ने बुधवार को फिर से शादी की विश्वनाथ किसान हैं उन्होंने 1953 में शुरू ध्वनि से विवाह किया था .

सरकार दंपति की

बहू गीता सरकार ने बताया एक नई शादी का विचार मेरे दिमाग में तब आया जब मैंने कुछ महीने पहले सोशल मीडिया पर इसी तरह का कुछ देखा तब मैंने परिवार के और सदस्यों से इस विषय पर वार्तालाप किया इस अनोखी शादी की व्यवस्था करने के लिए सभी ने मेरा समर्थन किया यह पूरे परिवार के लिए भविष्य भारतीय दंपति के बच्चे नाती पोते और पर पोथेज नौकरी के लिए दूसरे राज्यों में रहते हैं.

इस अवसर पर

जश्न मनाने के लिए गांव लौट आए फोटो में से एक पिंटू मोंडोल ने कहा शादी में दुल्हन अपने माता-पिता के घर से दूल्हे के परिवार में आती है इसलिए हमने उसी के अनुसार इसकी योजना बनाए हमारे दादा दादी ज्ञानगंज के बेनियापुकुर गांव में रहते हैं.

हमारा पुश्तैनी

घर बामणिया गांव में लगभग 5 किलोमीटर दूर है मेरी दादी को 2 दिन पहले वहां से ले जाया गया था इसके पश्चात बामोनिया में पति ने अपनी दादी को दुल्हन की तरह शादी के लिए तैयार किया मेकअप में उनकी सहायता की पोते ने बेनियापुकुर में दूल्हे को तैयार किया बुधवार को विश्वनाथ को भाई बामोनिया ले जाया गया दूल्हा जैसे ही घोड़ा गाड़ी पर घर पहुंचा आतिशबाजी और पटाखे जलाए गए.सभी ने धोती कुर्ता और साड़ी पहनकर बरात के लिए तैयार हुए जोड़े ने मालाओं का आदान प्रदान किया फूलों की जगह करेंसी नोटों की माला बनाए गए 100 वर्षीय दूल्हे विश्वनाथ ने कहा मैंने लगभग 70 वर्ष पहले सरोद वाणी से विवाह किया था बुधवार को मैंने अपने बच्चों और पोते पोतियो की उपस्थिति में उसे दोबारा शादी की मेरे बच्चों ने एक भव्य रात्रि भोज की भी व्यवस्था की ग्रामीणों के लिए भी दावत के लिए अनोखी शादी देखने के लिए दर्जनों की संख्या में एकत्रित हुए सबसे बड़ी बेटी आरती मंडल ने कहा केवल कुछ भाग्यशाली बच्चों को अपने माता-पिता की शादी देखने का अवसर प्राप्त होता है वह भी तब जब किसी की उम्र 100 साल हो मैं आज अपने माता-पिता की नई शादी देख कर बहुत खुशी महसूस कर रही हूं समारोह के अंत में विश्वनाथ ने नवविवाहित दुल्हन के साथ उसी घोड़े की गाड़ी पर व्यापक और में घर लौट आए

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