तीन बेटियों ने तोड़ी पुरानी मान्यता, पिता को दिया कंधा और किया अंतिम संस्कार

अयोध्या की लाडली बेटियों

ने पुरानी मान्यता को तोड़ते हुए पिता की अर्थी को न केवल कंधा दिया, बल्कि श्मशान तक जाकर मुखाग्नि दी और अंतिम संस्कार किया. रुंधे गले और बहते आसुओं के बीच पुरुष प्रधान समाज में बेटियों ने एक उदाहरण पेश कर बता दिया कि बेटा बेटी समान होते हैं. इस दौरान मौजूद सभी लोगों की भी आंखें नम थीं.

हिंदू रीति रिवाज के अनुसार

बेटियां और महिलाएं श्मशान में नहीं जातीं. मान्यता यह भी है कि बेटा न होने पर भी बेटियां पिता की अर्थी को कंधा या मुखाग्नि नहीं दे पातीं, मगर उत्तर प्रदेश के अयोध्या (UP Ayodhya) के मिल्कीपुर तहसील क्षेत्र अंतर्गत मरूई गनेशपुर की तीन बेटियों ने इस मान्यता को तोड़ा है. गांव के अवध राज तिवारी की कैंसर के चलते मृत्यु हो गई. अवध राज की तीन बेटियां हैं. उनकी पत्नी की पहले ही मृत्यु हो चुकी है. अवध राज कैंसर की बीमारी से जूझ रहे थे. पिछले 10 माह से मुंबई के टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल से उनका इलाज चल रहा था, लेकिन शनिवार को अवध राज तिवारी का निधन हो गया.

रुंधे गले और आसुओं के बीच बेटियों ने तोड़ी समाज की बेड़ियां

अवध राज की मृत्यु के बाद उनकी तीन बेटियों ने पिता के शव को श्मशान तक कंधा दिया. बेटियों ने न सिर्फ कंधा दिया, बल्कि श्मशान जाकर उनको मुखाग्नि भी दी. रुंधे गले, बहते आंसुओं के बीच समाज की भ्रांतियों और बेड़ियों को तोड़ते हुए बेटियों ने साबित कर दिया कि बेटे बेटी समान होते हैं. बता दें अवध राज की तीन बेटियों में दो की शादी हो चुकी है, वहीं तीसरी बेटी ग्रेजुएशन की छात्रा है

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